डॉ. भीमराव आंबेडकर भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार, समाज सुधारक और दलितों के अधिकारों के प्रवर्तक थे। उन्होंने समाज में समानता और न्याय स्थापित करने के लिए अथक प्रयास किए।
डॉ. भीमराव आंबेडकर (1891–1956) भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद और संविधान निर्माता थे। उन्होंने भारतीय समाज में छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ संघर्ष किया और दलितों और महिलाओं के अधिकारों के लिए अद्वितीय योगदान दिया।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने दलितों और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए शिक्षा और कानून के माध्यम से सुधार किया।
महू, मध्य प्रदेश में जन्म।
कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स से शिक्षा प्राप्त की।
भारतीय संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान।
नागपुर में डॉ. आंबेडकर का निधन।
जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव के खिलाफ संघर्ष।
शिक्षा के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों का उत्थान।
समानता और मानवाधिकार सुनिश्चित करने के लिए संविधान निर्माण।
डॉ. आंबेडकर ने भारतीय समाज में समानता, शिक्षा और न्याय के लिए अपार योगदान दिया। उनके कार्य आज भी दलित और अन्य पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
उन्हें भारतीय संविधान का प्रमुख शिल्पकार माना जाता है और उनका जीवन सामाजिक न्याय और मानवाधिकार के आदर्श का प्रतीक है।