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अखंड भारत का विचार केवल भौगोलिक पुनर्निर्माण नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और साझा इतिहास को संजोकर रखने का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि विविधता में एकता ही भारत की असली शक्ति है।
अखंड भारत का विचार केवल भौगोलिक पुनर्निर्माण नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और साझा इतिहास को संजोकर रखने का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि विविधता में एकता ही भारत की असली शक्ति है।
अखंड भारत का विचार केवल भौगोलिक पुनर्निर्माण नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और साझा इतिहास को संजोकर रखने का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि विविधता में एकता ही भारत की असली शक्ति है।
अखंड भारत केवल एक भौगोलिक अवधारणा नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक एकता का प्रतीक है। प्राचीन भारत की सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है, जिसने विज्ञान, गणित, योग, आयुर्वेद और कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
ऋग्वेद और महाभारत के वर्णनों से यह स्पष्ट होता है कि भारत की सांस्कृतिक सीमा आधुनिक अफगानिस्तान से लेकर म्यांमार और हिमालय से लेकर श्रीलंका तक फैली हुई थी। यह केवल भौगोलिक ही नहीं, बल्कि भाषाई और धार्मिक विविधता में एकता का प्रतीक थी।
भारत ने कई आक्रमणों और संघर्षों का सामना किया, लेकिन हमारी सांस्कृतिक जड़ें इतनी गहरी थीं कि बाहरी शक्तियाँ भी हमें तोड़ नहीं सकीं। यही कारण है कि आज भी भारतीय भाषाएँ, रीति-रिवाज और त्यौहार एक साझा सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जीवित हैं।
अखंड भारत का विचार केवल भौगोलिक पुनर्निर्माण नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और साझा इतिहास को संजोकर रखने का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि विविधता में एकता ही भारत की असली शक्ति है।