हमारा इतिहास

अखण्ड भारत की प्रस्तावना

अखण्ड भारत केवल एक भूगोल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक धारा है। यह विचार हमें याद दिलाता है कि भारत की आत्मा उसकी विविधता, एकता और सांझा परंपराओं में है। प्राचीन काल से लेकर आधुनिक समय तक, यह अवधारणा समाज को जोड़ती रही है।

अवधारणा

अखण्ड भारत सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है।

इतिहास

वर्ष 1947 का विभाजन हमारे समाज के लिए गहरा घाव था।

सांस्कृतिक एकता

भारत विविधता में एकता का सबसे बड़ा उदाहरण है।

इतिहास का प्रयोग विशेषतः

दो अर्थों में किया जाता है।जैसे एक है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा भारतीय संस्कृति में इतिहास शब्द (इति + ह + आस ; अस् धातु, लिट् लकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) का तात्पर्य है "ऐसा वस्तुत: हुआ है "। यूनान के लोग इतिहास के लिए Ιστορία (अंग्रेज़ी: history) शब्द का प्रयोग करते थे। "हिस्टरी" का शाब्दिक अर्थ "बुनना" था। अनुमान होता है कि ज्ञात घटनाओं को व्यवस्थित ढंग से बुनकर ऐसा चित्र उपस्थित करने की कोशिश की जाती थी जो सार्थक और सुसंबद्ध हो। भारतीय इतिहास अत्यंत प्राचीन और गौरवशाली है।

विज्ञान और अन्वेषण से पता चला है कि कोई 500 लाख साल पहले भारतीय उपमहाद्वीप , एशिया से अलग एक पृथक महादीप था जो कालांतर में आकर एशिया से जुड़ गया । इसी कारण हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ जो दो महाद्वीप के टकराव से एक कृत्रिम पर्वत है।

भारतीय कालगणना के हिसाब से 2023 में,कल्प के आरंभ से 197,29,49,123 वर्ष , सृष्टि के आरंभ से 195,58,85,123 वर्ष, कलियुग 5123 वर्ष और विक्रम संवत से 2079 वर्ष बीत चुके हैं । यह गणना भारतीय पंचाग से लिया गया है । भारत वर्ष का प्राचीन काल में एक सुनियोजित और क्रमानुसार इतिहास था जो सत्य घटनाओं पर आधारित था । इसे पुराण के नाम से जाना जाता है। विदेशी आक्रांताओं ने उन सारी पुस्तकों को जला दिया या नष्ट कर दिया जिसमे भारत का इतिहास दर्ज था ।

बोधिसत्व पद्मपाणि, अजन्ता, भारत।

अखण्ड भारत की यात्रा

प्राचीन गौरव से आधुनिक भारत तक का सफर

प्राचीन काल

भारत सांस्कृतिक, धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से विश्वगुरु रहा।

मध्यकाल

विभिन्न आक्रमणों के बावजूद भारतीय संस्कृति जीवित रही।

1947 विभाजन

भारत के विभाजन ने अखण्डता को चोट पहुँचाई।

आज का भारत

विविधता में एकता हमारी शक्ति है।

भविष्य

अखण्ड भारत का सपना सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से जीवित है।

अवधारणा

सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता।

इतिहास

विभाजन की पीड़ा और सबक।

सांस्कृतिक धारा

भारत की विविधता और एकता।

अवधारणा

सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता।

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