माता सावित्रीबाई फूले भारत की पहली महिला शिक्षिका और समाज सुधारक थीं, जिन्होंने महिलाओं और दलित बच्चों की शिक्षा के लिए संघर्ष किया।
माता सावित्रीबाई फूले (1831–1897) भारतीय समाज सुधारक और शिक्षिका थीं। उन्होंने अपने पति, ज्योतिबा राव फूले के सहयोग से भारत में पहली बार महिलाओं और दलित बच्चों के लिए स्कूल खोला। उन्होंने बाल विवाह, जातिवाद और सामाजिक अन्याय के खिलाफ समाज को जागरूक किया।
सावित्रीबाई फूले ने महिलाओं और दलित बच्चों के लिए शिक्षा और समाज सुधार में अद्वितीय योगदान दिया।
पुणे जिले के नायगांव में जन्म।
ज्योतिबा फूले के सहयोग से भारत का पहला महिला स्कूल खोला।
दलित बच्चों और गरीबों के लिए शिक्षा का प्रचार।
सावित्रीबाई फूले का निधन।
महिलाओं और दलित बच्चों के लिए शिक्षा का प्रचार।
जातिवाद और सामाजिक अन्याय के खिलाफ संघर्ष।
बाल विवाह और सामाजिक अन्याय के खिलाफ काम किया।
माता सावित्रीबाई फूले ने महिलाओं और दलित बच्चों की शिक्षा और समाज सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उनका प्रयास आज भी शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय के आदर्श के रूप में प्रेरणा देता है।