सम्राट अशोक महान मौर्य साम्राज्य के तीसरे सम्राट थे, जिन्होंने अपने पिता बिन्दुसार की विरासत को आगे बढ़ाया और भारत को पहली बार व्यापक अहिंसा और धर्म की नीति के आधार पर शासित किया।
सम्राट अशोक (लगभग 304 ई.पू.–232 ई.पू.) मौर्य साम्राज्य के महानतम और सबसे प्रसिद्ध शासक थे। उनके शासनकाल को भारतीय इतिहास में “अशोक का युग” कहा जाता है। कौरव, बौद्ध धर्म और अहिंसा के प्रचारक के रूप में अशोक ने सम्राट की भूमिका निभाई और भारत में सामाजिक, धार्मिक और प्रशासनिक सुधारों को लागू किया।
सम्राट अशोक का शासन भारत के इतिहास में धर्म, अहिंसा और सामाजिक सुधारों के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है।
अशोक का जन्म मौर्य साम्राज्य में हुआ।
बिन्दुसार के निधन के बाद अशोक का राज्याभिषेक।
कलिंग युद्ध, जिसमें भारी जनहानि हुई।
बौद्ध धर्म अपनाया और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
अशोक स्तंभ और शिलालेख स्थापित कर धर्म प्रचार किया।
अशोक का निधन और मौर्य साम्राज्य का स्थायित्व।
अशोक ने अहिंसा और करुणा के सिद्धांत को शासन का आधार बनाया।
बौद्ध धर्म और अन्य धार्मिक शिक्षाओं का प्रचार किया।
सामाजिक न्याय, स्त्री शिक्षा और जन कल्याण पर विशेष ध्यान दिया।
सम्राट अशोक ने भारत में अहिंसा और धर्म आधारित शासन की नींव रखी। उनके शासनकाल में बौद्ध धर्म का व्यापक प्रसार हुआ और अशोक स्तंभ आज भी उनकी दूरदर्शिता और मानवता के प्रतीक हैं।
उनके द्वारा स्थापित स्तूप, शिलालेख और धर्म संदेश आज भी विश्वभर में शांति और करुणा का संदेश देते हैं।